Badam Ki Kheti: आज के समय में खेती केवल अन्न पैदा करने तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि अब किसान ऐसी फसलों की ओर बढ़ रहे हैं जो कम मेहनत में अधिक मुनाफा देती हैं। Badam Ki Kheti यानी बादाम की खेती, ऐसी ही एक फसल है जो किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। ममरा बादाम, जिसे ‘रॉयल बादाम’ भी कहा जाता है, आजकल काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसकी खासियत है कि एक बार पेड़ लगाने के बाद यह कई सालों तक फल देता है और हर साल लाखों की कमाई कराता है।
ममरा बादाम की खासियत और कीमत
ममरा बादाम कोई साधारण बादाम नहीं है। यह खासतौर पर ईरान, अफगानिस्तान और भारत के कश्मीर क्षेत्र में उगाया जाता है। यह दिखने में छोटा, चमकदार और बेहद स्वादिष्ट होता है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं, ड्राई फ्रूट मिक्स और ऊर्जा बढ़ाने वाले उत्पादों में किया जाता है। बाजार में Badam Ki Kheti से मिलने वाला ममरा बादाम ₹750 से ₹800 प्रति किलो तक बिकता है, जो इसे एक हाई-प्रॉफिट फसल बनाता है।


Badam Ki Kheti के लिए उपयुक्त मिट्टी और तैयारी
बादाम की खेती के लिए हल्की, बलुई-चिकनी या दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। खेत की तैयारी से पहले मिट्टी की जांच करवा लेना फायदेमंद होता है। पौधे लगाने से पहले नर्सरी में उन्हें 6 से 8 महीने तक तैयार किया जाता है। इसके बाद खेत में 5 से 8 मीटर की दूरी पर 2-3 फीट गहरे गड्ढे खोदकर पौधे रोपे जाते हैं। गड्ढों में गोबर की खाद और केंचुआ खाद डालना जरूरी होता है ताकि जड़ों को पोषण मिले।
सिंचाई, देखभाल और परागण के टिप्स
Badam Ki Kheti में सिंचाई बहुत जरूरी होती है, लेकिन ध्यान रखें कि पानी खेत में जमा न हो। हल्की सिंचाई सप्ताह में एक बार करनी चाहिए। पौधों को रोगों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशक जैसे नीम का तेल प्रयोग करें। साथ ही, मधुमक्खी पालन को साथ में शुरू करना बेहद फायदेमंद होता है क्योंकि इससे फूलों में परागण बढ़ता है और उपज भी बेहतर होती है।
4-5 साल बाद शुरू होती है कमाई
एक बार पेड़ लगाने के बाद ममरा बादाम 4 से 5 साल के भीतर फल देना शुरू कर देता है। हर पेड़ से सालाना 2 से 2.5 किलो बादाम मिल सकता है। यदि आप एक एकड़ जमीन में Badam Ki Kheti करते हैं, तो वहां से 200 से 250 किलो तक बादाम की उपज संभव है। इस उपज को मौजूदा बाजार रेट पर बेचने से लाखों का मुनाफा आराम से कमाया जा सकता है।
बादाम की खेती के फायदे
Badam Ki Kheti का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें एक बार मेहनत करने के बाद कई सालों तक लगातार आय होती है। यह खेती पर्यावरण के अनुकूल है और रासायनिक उर्वरकों की जरूरत कम होती है। ममरा बादाम की बाजार में हमेशा मांग रहती है, जिससे इसके दाम भी हमेशा अच्छे बने रहते हैं। यह फसल सीमित भूमि वाले किसानों के लिए भी आदर्श है क्योंकि कम जगह में भी अच्छी कमाई संभव है।


अगर आप पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया और ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती करना चाहते हैं, तो Badam Ki Kheti आपके लिए एक सुनहरा मौका है। ममरा बादाम की खेती न केवल आर्थिक रूप से आपको मजबूत बना सकती है, बल्कि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। सही दिशा में मेहनत और वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर यह फसल आपकी किस्मत बदल सकती है।
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